अस्क बन कर मेरे अखोँ कु तु भिगोना नहि, "ए जिन्देगि",
बद दुआ के हक्दार हम कभि ना थे,
दुआऔ से मेहेरुम हमैं तु कर ना भि नहिं.
डाला बहत कुछ तुनै हमारे दामन मैं सेवा मोहबत के,
बद्ला येहेसान का तु हमैं मागंना भि नहिं.
मम्ता के आंचल से दुर तु ले आया,
पिता का साया भि रुठ नै लगा है,
बहन के पल्कों का क्या कहना,
औ भि इन्तेजार से डर ने लगा है,
दो बजुं तो साथं हैं जरुर,
सारथि अब घबंरा ने लगा है.
जमानें भर का मेहेनत तो करुन्गा जरुर,
बश इतंना तु करम कर ना,
गर मैं तुट जाउं, मेरे हस्लें कु बुलन्द कर ना.
बश इक गुजरिश है तुज शे,येसा हम्सफर देना.
कदम बकदम साथ चले तो, झुकजाये जमाना.
ये वादा है मेरि तुज्से,
माउश ना होनैं दुन्गा तुझे,
हर मुमंकिन कोसिस करुन्गा,
बश साहारा ना छिन्ना मुझ्से.
बद दुआ के हक्दार हम कभि ना थे,
दुआऔ से मेहेरुम हमैं तु कर ना भि नहिं.
डाला बहत कुछ तुनै हमारे दामन मैं सेवा मोहबत के,
बद्ला येहेसान का तु हमैं मागंना भि नहिं.
मम्ता के आंचल से दुर तु ले आया,
पिता का साया भि रुठ नै लगा है,
बहन के पल्कों का क्या कहना,
औ भि इन्तेजार से डर ने लगा है,
दो बजुं तो साथं हैं जरुर,
सारथि अब घबंरा ने लगा है.
जमानें भर का मेहेनत तो करुन्गा जरुर,
बश इतंना तु करम कर ना,
गर मैं तुट जाउं, मेरे हस्लें कु बुलन्द कर ना.
बश इक गुजरिश है तुज शे,येसा हम्सफर देना.
कदम बकदम साथ चले तो, झुकजाये जमाना.
ये वादा है मेरि तुज्से,
माउश ना होनैं दुन्गा तुझे,
हर मुमंकिन कोसिस करुन्गा,
बश साहारा ना छिन्ना मुझ्से.
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