Friday, March 21, 2008

X------क्या कहना------X

तेरे रेशमी जुलफ और चनदनशी बदन का क्या कहना,
वो टीमटीमाती आखें और गुलाबी ओंठोंका क्या कहना.

वो चान्द्शा मुखडा और नुरानी चेहेरा,
वो हीरनशी चाल और जुलफ घनेरा,
वो मदहोश निघाहें और मीठी आवाजका क्या कहना.

तेरी माथेकी बिनदिया और कानौंकी बाली,
वो झपट्के मुढ्ना और अदा निराली,
वो चुडीवोंका खनक और पायलकी झनकार का क्या कहना.

इउँ शरमाके चुपजाना और निघाहें मिलाना,
ये कातिलाना अन्दाज और ईश अन्दाजका क्या कहना.

तुम इउँ बेपरदा बाहारना नीकलना
मुमकिन हे कोई शायेर बनजाऐगा,
शमझना मेरे ईश जजबातकु,
वोरना ऐ दिवाना हद्से गुजरजाऐगा.

हमतो दिवाने हें आपके लेलो चाहे कोई कशन,
हर नखरे हशके सहलेगें, बस साथ निभाना तुम शनम.

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