Monday, March 24, 2008

******जजबात******

जजबातकु मेंने कलममे डालनेकी कोशीश कीहे,
आरजु दिलकी कागजमे लीखनेकी कोशीश किहे,
ये हशीना तुम्हारे जिश्मकु नहीं,
मेंने प्यारकु प्यार करनेकी कोशीश कीहे.

तेरे शादगिपे मरमिटाहुं में,
तेरे मुशकानशे कुश होताहुं मे,
दिलका हाल मे क्या बताऊ,
हरवक्त्त खयालोंमे खोया रहताहुं मे.

ईश रोगका ईलाज मालुमतो हे,
जुबांशे ईकरार करता हुँ,
हां महबत हे हमे आपशे,
शरेआम ईजहार करता हुँ.

बेसक वफाका ईमतेहान लेलेना,
बदले ईशके बेखोंफ जान मान्गंलेना.

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