चन्द बातें प्यार की ऊन्होने क्या शुनाई,
दिल मेने अपना ऊनके हाथोंमे थमाई.
लबोंपे ऊनका नाम बारबार आता हे,
दिल मेरा खुशी से झुम ऊठ्ता हे.
थामे दिल बेठा हुं कब मुलाकात होगी,
खुशी की वो लमहे और प्यार की बात होगी.
मिलती हें निगाहें जब ऊनकी निगाहों से,
बेकाबु जजबात जागता हे ईश अदाऔं शे.
चुपके शे कानों मे कुच वो कहजायेगीं,
मुमकीन हे ईजहारे महबत करजायेगीं.
दिल मे महबत का जजबा तो वो रखती हें,
जालीम दुनिया शाथ ना दे शायद,ईश बात से वो डरती हें.
माना जालीम हे दुनीया पर हम कम नहीं,
रोकले हमें कोई किशीमे वो दम नहीं.
जायेगें लेकर हम बारात शेहेरा शजा के,
लायेगें तुम्हें हम डोलीमे अपनी दुलहन बना के.
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Sunday, April 6, 2008
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